संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
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संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
जो कभी नहीं रुक सकता
सिर्फ मंजिल पाने के लिए
हाथ को ही गुलाम बनाना पड़ता है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है।
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
जो कभी नहीं रुक सकता
सिर्फ मंजिल पाने के लिए
हाथ को ही गुलाम बनाना पड़ता है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है।
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा