शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
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शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
पढ़ने वाले को क्या पता लिखने वाले के क्या है जज्बात ।
अक्षरों में है दर्द , प्यार , विचार या कोई ख्यालात ,
बात है व्यंग्य या सम्मान ये तो तय करते हैं हालात ।।
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
पढ़ने वाले को क्या पता लिखने वाले के क्या है जज्बात ।
अक्षरों में है दर्द , प्यार , विचार या कोई ख्यालात ,
बात है व्यंग्य या सम्मान ये तो तय करते हैं हालात ।।