उसके कहने पे दावा लिया करता था
ये विश्वकप विराट कोहली के धैर्य और जिम्मेदारियों का है।
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
संसार में सबसे "सच्ची" वो दो औरतें हैं, जो टीव्ही पर ख़ुद क़ुब
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,