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26 Jan 2017 · 1 min read

“वीर शपथ तुम आज लो”

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी देश प्रेम गीत ?वीर शपथ तुम आज लो? छंद मुक्त रचना तर्ज–फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे, भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे। आतंकी हमलावर छाए, इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम ,गौरव इसका गाएँगे।। ************************ दुश्मन से ये घिरी है जननी, भारती करे चीत्कार रे, जागो रे वीर जवानों जागो,माँ की सुनलो पुकार रे, जाति-पाति का भेद भुलाके ,राष्ट्रप्रेम हित ध्यान रखें, माँ की बलिवेदी पे चढ़के अपना शीश नवाएँगे। भारत वीरों की जननी है,समता भाव जगाएँगे, आतंकी हमलावर छाए, इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम, गौरव इसका गाएँगे, वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे । ****************************** आतंकी की गोली झेले,सहमा सा कश्मीर रे, वीरों की जननी भारत है,बढ़ो प्रताप से वीर रे, लहू शहीद का तुम्हें पुकारे,सब मिल आगे आओ रे, माँ की बलिवेदी पे चढ़के ,अपना शीश नवाएँगे। भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे, आतंकी हमलावर छाए,इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम,गौरव इसका गाएँगे वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे, भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे। ******************************* डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”

Language: Hindi
Tag: गीत
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