Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

वादा है अपना

अब दिन हो चाहे
रात चलेंगे
हम तो तुम्हारे
साथ चलेंगे…
(१)
सदा कांधे से
कांधा मिलाकर
लेकर हाथों में
हाथ चलेंगे…
(२)
कुछ आप बीती
कुछ जग बीती
कहते-सुनते हुए
बात चलेंगे…
(३)
हमें कोई रोके
या टोके
जब तक चलेगी
सांस चलेंगे…
(४)
चाहे न मिले
सपनों की मंज़िल
लेकिन उसके आस
पास चलेंगे…
‌‌ #Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#राजनीतिककविता #Romantic
#गीतकार #जनवादीगीत #वादा
#promise #song #love #बगावती
#कसम #lyricist #bollywood

Language: Hindi
Tag: गीत
37 Views
You may also like:
【31】*!* तूफानों से क्या ड़रना? *!*
【31】*!* तूफानों से क्या ड़रना? *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
नया साल
नया साल
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हमें दिल की हर इक धड़कन पे हिन्दुस्तान लिखना है
हमें दिल की हर इक धड़कन पे हिन्दुस्तान लिखना है
Irshad Aatif
जीवन अस्तित्व
जीवन अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
लघुकथा- उम्मीद की किरण
लघुकथा- उम्मीद की किरण
Akib Javed
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक अजब सा सन्नाटा है
एक अजब सा सन्नाटा है
लक्ष्मी सिंह
आज काल के नेता और उनके बेटा
आज काल के नेता और उनके बेटा
Harsh Richhariya
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सजल
सजल
Rashmi Sanjay
💐प्रेम कौतुक-301💐
💐प्रेम कौतुक-301💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक दिवा रोएगी दुनिया
एक दिवा रोएगी दुनिया
AMRESH KUMAR VERMA
भारत का दुर्भाग्य
भारत का दुर्भाग्य
Shekhar Chandra Mitra
आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम
आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम
Shiva Awasthi
वो एक लम्हा
वो एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ankit Halke jha
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
असत्य पर सत्य की जीत
असत्य पर सत्य की जीत
VINOD KUMAR CHAUHAN
" शैतान रोमी "
Dr Meenu Poonia
■ एक सलाह, नेक सलाह...
■ एक सलाह, नेक सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
अपना अपना आवेश....
अपना अपना आवेश....
Ranjit Tiwari
अनेकों ज़ख्म ऐसे हैं कुछ अपने भी पराये भी ।
अनेकों ज़ख्म ऐसे हैं कुछ अपने भी पराये भी ।
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
आस्तीक भाग -छः
आस्तीक भाग -छः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक दिन
एक दिन
Ranjana Verma
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
Er.Navaneet R Shandily
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
आज की प्रस्तुति - भाग #1
आज की प्रस्तुति - भाग #1
Rajeev Dutta
Loading...