रास्ता गलत था फिर भी मिलो तब चले आए
रास्ता गलत था फिर भी मिलो तब चले आए
इतने ही दिन जो मैंने उसकी याद में बताएं ,
हर जंग के दांव-पेच को ठीक से खेल लेना
इससे पहले कि जिंदगी अपने रुख में आए !
कवि दीपक सरल
रास्ता गलत था फिर भी मिलो तब चले आए
इतने ही दिन जो मैंने उसकी याद में बताएं ,
हर जंग के दांव-पेच को ठीक से खेल लेना
इससे पहले कि जिंदगी अपने रुख में आए !
कवि दीपक सरल