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28 Apr 2022 · 1 min read

ये प्रवाह है नवोदित

है नवोदित प्रवाह का, पूर्ण प्रथम ये वर्ष
आगामी हर साल में, और बढ़े उत्कर्ष

और बढ़े उत्कर्ष, शिखर को अपने चूमे
इसका हरेक अंक, सम्पूर्ण दुनिया घूमे

महावीर कविराय, हृदय होवे आनन्दित
हरदम रहे जवान, ये प्रवाह है नवोदित

***

5 Likes · 5 Comments · 146 Views

Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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