मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
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मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मुझे जब हो तुझे भी दर्द होना चाहिए।।
बदलता करवटें रहता हूँ सारी रात मैं।
तुझे क्या चैन से बिस्तर पे सोना चाहिए?
दवा कोई मरज़ की पास तेरे ना सही।
तुझे इस वक़्त मेरे साथ होना चाहिए।।
महब्बत की मैं दौलत तो लुटा सकता हूँ पर
मेरे महबूब को बस चाँदी सोना चाहिए।।
तुम अपने दिल में थोड़ी सी जगह दे दो सनम
हमें रोने की ख़ातिर एक कोना चाहिए।।
जो दिल पहले से ही घाइल हो नफ़रत से वहाँ,
सिवाए प्यार के क्या कुछ भी बोना चाहिए?
मिला है जो दुआओं और क़िस्मत से तुम्हें,
किसी भी हाल में क्या उसको खोना चाहिए?
जमी है मैल पछतावे की दिल में जो ‘
उसे अश्कों से अपने तुमको धोना चाहिए।।