मुझसा प्यार नहीं मिलेगा

मुझसा प्यार नहीं मिलेगा, मुझसा यार नहीं मिलेगा।
तेरे सहकर भी सितम जो,इतना प्यार तुमसे करेगा।।
मुझसा प्यार नहीं मिलेगा—————–।।
ना कभी फिक्र की,अपनी जिंदगी की खुशी की।
जो दुहा करता रहा , हमेशा तेरी खुशी की।।
गमो- दर्द अपने छुपाकर, कौन खुश तुमको रखेगा।
तेरे सहकर भी सितम जो,इतना प्यार तुमसे करेगा।।
मुझसा प्यार नहीं मिलेगा—————–।।
माना मैं तुमसे लड़ा हूँ , डाँटा है तुमको मैंने।
दोष तेरा भी तो है, कहा है बुरा तुमने।।
माना मैं हूँ तेरा दुश्मन, आबाद मुझसा कौन करेगा।
तेरे सहकर भी सितम जो,इतना प्यार तुमसे करेगा।।
मुझसा प्यार नहीं मिलेगा——————।।
कर दिया तुमको अर्पण, अपना सब हँसते हुए।
अपनी दौलत और महल, तुमको खुशी कहते हुए।।
मानकर तुमको मूरत,पूजा कौन तेरी करेगा।
तेरे सहकर भी सितम जो,इतना प्यार तुमसे करेगा।।
मुझसा प्यार नहीं मिलेगा——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यिक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847