मुक्तक
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/18d14289167d63b3547e2ad6a05f7956_76f76de18759d48ee4cecba66c0ea381_600.jpg)
क्यूँ कर काम से जी चुराते हैं लोग
क्यूँ कर नित नए बहाने बनाते हैं लोग
क्यूँ कर नहीं करते, अपनी कोशिशों का कारवाँ रोशन
क्यूँ कर खुद को बहलाते हैं लोग
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
क्यूँ कर काम से जी चुराते हैं लोग
क्यूँ कर नित नए बहाने बनाते हैं लोग
क्यूँ कर नहीं करते, अपनी कोशिशों का कारवाँ रोशन
क्यूँ कर खुद को बहलाते हैं लोग
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम