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24 Sep 2022 · 1 min read

मुक्तक

किसी की स्याह जिन्दगी में
रंग भर सको तो भरो
किसी के गम को
अपना कर सको तो करो

सरपट दौड़ती जा रही इस जिन्दगी में
दो पल का चैन कहाँ
किसी के ग़मगीन चहरे पर मुस्कराहट के
रंग भर सको तो भरो

Language: Hindi
2 Likes · 79 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

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