Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2023 · 1 min read

मुक्तक।

मुक्तक।
******
गुलो गुलजार होने को कई लोगों की चाहत है।
कहा हर शख्स ने मुझसे वो अपनों से ही आहत हैं।।
भरोसा हो नहीं सकता जो अपनों पर कभी यारों।
सुधर जाओ अभी भी वक्त है यह ही शराफत है।।
पंकज शर्मा “तरुण “.

96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां
मां
Manu Vashistha
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
AMRESH KUMAR VERMA
"मेरा भोला बाबा"
Dr Meenu Poonia
भगवन नाम
भगवन नाम
लक्ष्मी सिंह
Colours of heart,
Colours of heart,
DrChandan Medatwal
*Success_Your_Goal*
*Success_Your_Goal*
Manoj Kushwaha PS
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
प्रीतम श्रावस्तवी
#डॉअरुणकुमारशास्त्री
#डॉअरुणकुमारशास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ पैनी नज़र, तीखे सवाल
■ पैनी नज़र, तीखे सवाल
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-255💐
💐प्रेम कौतुक-255💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
रूह का भी निखार है
रूह का भी निखार है
Dr fauzia Naseem shad
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्यार की कस्ती पे
प्यार की कस्ती पे
Surya Barman
जब बहुत कुछ होता है कहने को
जब बहुत कुछ होता है कहने को
पूर्वार्थ
मन के पार
मन के पार
Dr. Rajiv
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
सूर्यकांत द्विवेदी
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
प्रेमचंद के पत्र
प्रेमचंद के पत्र
Ravi Prakash
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
Jyoti Khari
2236.
2236.
Dr.Khedu Bharti
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
तू इतनी खूबसूरत है...
तू इतनी खूबसूरत है...
आकाश महेशपुरी
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
संस्कृति से संस्कृति जुड़े, मनहर हो संवाद।
संस्कृति से संस्कृति जुड़े, मनहर हो संवाद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वातंत्र्य का अमृत महोत्सव
स्वातंत्र्य का अमृत महोत्सव
surenderpal vaidya
माया का रोग (व्यंग्य)
माया का रोग (व्यंग्य)
नवीन जोशी 'नवल'
Loading...