माँ स्कंदमाता
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पंचम पावन धाम है, पंचम दिवस प्रणाम ।
आसन कमल विराजतीं, स्कंदमात है नाम।।
स्कंदमात है नाम, जपे जो भी यह साधक ।
रहे साधना लीन, बने जो माँ आराधक ।।
कार्तिकेय हैं गोद, अलौकिक रूप वंदनम ।
नमन करो स्वीकार, देविका माता पंचम।।
वन्दना नामदेव