Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2022 · 1 min read

बारिश

आसमान से निरख धरा को
उमड़ घुमड़ घन बरस रहे ।
मानो जैसे अपने घर को
जल्दी आने को आतुर हैं ।
उनके आने की आहट पा
देखो तरुवर सब झूम रहे
धरती के अरमान भी सब
सोंधे सोंधे हो महक उठे ।
टिप टिप बूंदे है ताल बनी
हवा ने सरगम साधी है ।
खग कुल गा-गाकर नाच रहे
आंखें लख सब सुख पाती है।
मन करता आज निकल बाहर
झूमूँ गाऊँ हो मस्त मगन |
बूंदों से कर लूँ अठखेली
बचने का हो न कोई जतन ।
इतना भीगूँ इस बारिश में
सब अश्रु लवणता धुल जाए ।
आनन्द प्रकृति का तन से हो
मन में मिश्री सा घुल जाए ।

6 Likes · 2 Comments · 97 Views

Books from Saraswati Bajpai

You may also like:
मार न डाले जुदाई
मार न डाले जुदाई
Shekhar Chandra Mitra
Har subha uthti hai ummid ki kiran
Har subha uthti hai ummid ki kiran
कवि दीपक बवेजा
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*अधूरा प्रेम (कुंडलिया)*
*अधूरा प्रेम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
तुमको ख़त में क्या लिखूं..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
देर
देर
पीयूष धामी
कितना अंदर से
कितना अंदर से
Dr fauzia Naseem shad
नायक देवेन्द्र प्रताप सिंह
नायक देवेन्द्र प्रताप सिंह
नूरफातिमा खातून नूरी
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"रावण की पुकार"
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
Which have the power to take rebirth like the phoenix, whose power no one can ever match.
Which have the power to take rebirth like the phoenix,...
Manisha Manjari
"काहे का स्नेह मिलन"
Dr Meenu Poonia
■ लघु व्यंग्य कविता
■ लघु व्यंग्य कविता
*Author प्रणय प्रभात*
सच
सच
विशाल शुक्ल
💐प्रेम कौतुक-516💐
💐प्रेम कौतुक-516💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जोशीमठ
जोशीमठ
Dr Archana Gupta
हुई कान्हा से प्रीत, मेरे ह्रदय को।
हुई कान्हा से प्रीत, मेरे ह्रदय को।
Taj Mohammad
"बीमारी न छुपाओ"
Dushyant Kumar
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
देश हे अपना
देश हे अपना
Swami Ganganiya
जीवन है यदि प्रेम
जीवन है यदि प्रेम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्या ग़लत मैंने किया
क्या ग़लत मैंने किया
Surinder blackpen
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
तंज़ीम
तंज़ीम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नववर्ष
नववर्ष
अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
जाने कैसा दिन लेकर यह आया है परिवर्तन
जाने कैसा दिन लेकर यह आया है परिवर्तन
आकाश महेशपुरी
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
समुन्दर-सा फासला है तेरे मेरे दरमियाँ,
समुन्दर-सा फासला है तेरे मेरे दरमियाँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
दांतो का सेट एक ही था
दांतो का सेट एक ही था
Ram Krishan Rastogi
Loading...