Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2022 · 2 min read

गदा हनुमान जी की

हनुमान जी का चरित्र आम जन मानस में एक प्रभु श्री राम भक्त, ज्ञानी और अति शक्तिशाली योद्धा के रूप में व्याप्त है। उन्हें पूज्यनीय ऐसे हीं नहीं माना जाता है।

एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में उनके पास हथियार की परिकल्पना करना कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं।जाहिर सी बात है जब बात उनके पराक्रम को करनी हो तो उनके महान शक्तिशाली गदा को कोई कैसे भूल सकता है।

लगभग हरेक कथाओं में हनुमान जी को गदा के साथ हीं दिखाया जाता है। अगर उनके पास गदा था तो उन्होंने युद्ध के समय गदा का प्रयोग किया हीं होगा।

अगर उनके पास गदा होगी तो रावण के साथ भीषण युद्ध में उसका इस्तेमाल जरुर किया होगा । देखने वाली बात ये है कि वाल्मिकी रचित रामायण में महावीर जी द्वारा गदा के प्रयोग करने का जिक्र आता है कि नहीं?

जब हनुमान जी के साथ अकम्पन का युद्ध होता है, तब वो वृक्ष का उपयोग करते है। एक वृक्ष को हथियार के रूप में चलाकर अकमपन का वध करते हैं।

रावण और हनुमान जी के साथ जब युद्ध होता है तब रावण के द्वारा चलाए गए हथियार के प्रतिउत्तर में वो उसे जोर से थप्पड़ मारते हैं।

एक समय रावण द्वारा लक्ष्मण घायल कर दिए जाते हैं। फिर रावण जब लक्ष्मण जी को उठाने की कोशिश करता है तब हनुमान जी उसे जोर से घुसा मारकर हटा देते हैं।

इसी प्रकार निकुंभ नामक राक्षस का वध उसके सर को अपने हाथों द्वारा मरोड़कर कर देते है। तो दूसरी ओर मेघनाद के साथ युद्ध में हनुमान जी एक शिलाखंड का प्रयोग करते हैं।

वाल्मिकी रामायण में हनुमान जी द्वारा राम रावण युद्ध में भाग लेने की इन घटनाओं का निरीक्षण करते हैं तो हम पाते हैं कि कहीं भी हनुमान जी गदा के प्रयोग करने की बात सामने नहीं आती है।

लगभग हर जगह वो अपने हाथों ,मुक्कों, पेड़ , शिला , पहाड़ और अपनी शारीरिक शक्ति का ही प्रयोग करते दिखते हैं।

उनके द्वारा कहीं भी गदा के इस्तेमाल करने का वर्णन नहीं है।इन सब बातों से ये प्रतीति होती हैं कि हनुमान जी के पास कोई गदा थी हीं नहीं।

जाहिर सी बात है , जो योद्धा अपनी शिशु अवस्था में हीं सूर्य को फल समझ कर आकाश में 400 योजन की छलांग लगा सकता था , उसे भला किसी गदा की जरूरत हो भी कैसे सकती थी ?

अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
Tag: हनुमान
54 Views

Books from AJAY AMITABH SUMAN

You may also like:
रिहायी कि इमरती
रिहायी कि इमरती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सामन्जस्य
सामन्जस्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहुत समय बाद !
बहुत समय बाद !
Ranjana Verma
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
The jaurney of our life begins inside the depth of our mothe
The jaurney of our life begins inside the depth of...
Sakshi Tripathi
खुशी और गम
खुशी और गम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
Right way
Right way
Dr.sima
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
आर.एस. 'प्रीतम'
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने...
Shubham Pandey (S P)
■ कटाक्ष / कोरी क़वायद
■ कटाक्ष / कोरी क़वायद
*Author प्रणय प्रभात*
#नाव
#नाव
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेटियों तुम्हें करना होगा प्रश्न
बेटियों तुम्हें करना होगा प्रश्न
rkchaudhary2012
"वक्त वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
Writing Challenge- स्वास्थ्य (Health)
Writing Challenge- स्वास्थ्य (Health)
Sahityapedia
काँच के टुकड़े तख़्त-ओ-ताज में जड़े हुए हैं
काँच के टुकड़े तख़्त-ओ-ताज में जड़े हुए हैं
Anis Shah
मेरे होते हुए जब गैर से वो बात करती हैं।
मेरे होते हुए जब गैर से वो बात करती हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
Dr. Sunita Singh
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
Rekha Drolia
" सब्र बचपन का"
Dr Meenu Poonia
हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं.........
हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं.........
कवि दीपक बवेजा
एहसासे कमतरी का
एहसासे कमतरी का
Dr fauzia Naseem shad
मैंने पत्रों से सीखा
मैंने पत्रों से सीखा
Ankit Halke jha
मोबाइल के भक्त
मोबाइल के भक्त
Satish Srijan
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
तपस्या और प्रेम की साकार प्रतिमा है 'नारी'
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
*स्वच्छता का अभियान चलाते(मुक्तक)*
*स्वच्छता का अभियान चलाते(मुक्तक)*
Ravi Prakash
✍️कुछ रक़ीब थे...
✍️कुछ रक़ीब थे...
'अशांत' शेखर
Loading...