बना ले एक ही मनवा
मनवा से हारे हार है, मन के जीतन जीत।
मन से मत बूढ़े बनो, करते रहिए प्रीत।।
करते रहिए प्रीत जवानी बनी रहेगी।
आज नही तो कल, सुहानी घड़ी मिलेगी।।
दिखो सदा तुम यंग, फ़ैशन संग ढको तनवा।
इधर उधर मत झाँक, बना ले एक ही मनवा।।
✍?अरविंद राजपूत ‘कल्प’