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31 Aug 2022 · 1 min read

“फैकबुक फ्रेंड”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
==================
शिकायत तो करूँ तो करूँ किससे ,
अभीतक उनको मैंने जाना नहीं है !!
पहचानने की बातें भी करूँ मैं क्यूँ ,
अभीतक तो उनको निहारा नहीं हैं !!
वो आप में ही रहते हैं मशगूल यूँ ,
औरों के दुख को मैं जाना नहीं है !!
हमारे ठिकानों का अंदाज सबको है ,
उनके बसर को कोई जाना नहीं है !!
कभी आप भूले गुजारिश ना करना ,
उनकी चाहतों का सीमाना नहीं है !!
अपनी खुशी में वो जम के नाचते ,
औरों की खुशियां मानते नहीं हैं !!
जरूरत में अपना वो मुँह मोड़ते हैं ,
साथियों का साथ निभाते नहीं है !!
=========================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस .पी .कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
31.08.2022

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल
53 Views
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