पृष्ठों पर बांँध से
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/353fc873a641a7204008e0b8427083f2_add95e3cc84e30b49f2c705f345e040d_600.jpg)
पृष्ठों पर बांँध से
बांँधी गई नारी सरिता।
प्यासा झीलों से
कूओं का पानी मांँगे ।।
मैं नहीं और कोई
और ना तो और सही ।
ये ज़माना तो महज़
कहने को कहानी मांँगे ।।
नीलम शर्मा ✍️
पृष्ठों पर बांँध से
बांँधी गई नारी सरिता।
प्यासा झीलों से
कूओं का पानी मांँगे ।।
मैं नहीं और कोई
और ना तो और सही ।
ये ज़माना तो महज़
कहने को कहानी मांँगे ।।
नीलम शर्मा ✍️