अरे यार तू जा जहाँ जाना चाहती है जा,
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
हर किसी में आम हो गयी है।
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
उत्कर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
उम्मीद.............एक आशा
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
हमेशा के लिए कुछ भी नहीं है
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।