नहीं आये कभी ऐसे तूफान

नहीं आये कभी ऐसे तूफान।
जिनसे हो जिंदगी में नुकसान।।
ऐसे तूफानों से बचाये खुदा।
जिनसे बर्बाद हो बहुत इंसान।।
नहीं आये कभी—————–।।
होती है कोई वजह तूफानों की।
आते हैं जिससे तूफान जीवन में।।
करते हैं धोखा जब अपने ही।
बनकर जब पराये जीवन में।।
टूट जाते हैं सारे अरमान-ख्वाब।
ऐसे आते हैं जब भी ऐसे तूफान।।
नहीं आये कभी——————–।।
दुःख -दर्द- मुसीबत भी तूफान है।
सच्चे हमदर्दों की ये पहचान है।।
कौन असली नकली रिश्तेदार हैं।
कौन सच्चे साथी और दयावान है।।
इनमें इंसान तब तन्हा हो जाता है।
जब अपने हो जाते हैं अनजान।।
नहीं आये कभी——————-।।
ऐसे तूफानों से देश सलामत हो।
जिनसे बर्बाद हो अपना वतन।।
और मंजर हो आँसुओं-लाशों का।
खत्म हो जाये जिनसे चैनो-अमन।।
होता है हर कोई इसमें खौफजदा।
करते हैं बहुत तबाही ऐसे तूफान।।
नहीं आये कभी——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)