तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
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तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
जब से तुझे देखा बाकी दुनिया एक तरफ ;
तुझे आंख भरके देखने की तलब कुछ तो है
✍️कवि दीपक सरल
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
जब से तुझे देखा बाकी दुनिया एक तरफ ;
तुझे आंख भरके देखने की तलब कुछ तो है
✍️कवि दीपक सरल