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28 Feb 2023 · 3 min read

तेरे इश्क़ में

धारावाहिक भाग-१

तेरे इश्क़ में

“ओ हैलो !तुम्हें सुनाई दे रहा है ? हेल्लो मिस ,मैं तुमसे पूछ रहा हूँ! क्या तुम सच में वहाँ (ब्रिज) सुसाइड करने चढ़ी हो “?

“हाँ !मैं सुसाइड करने चढ़ी हूँ और सुसाइड करूँगी भी ,प्लीज मुझे रोको मत “।

“अरे जरा संभल कर ,तुम गिर जाओगी और अगर तुम इस ब्रिज से गिरी तो तुम्हारे बचने का कोई चांस नहीं रहेगा। बेचारे डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाएंगे सिवाय आई आम सोर्री कहने के ! इसलिए मेरी बात मानो और नीचे आ जाओ ”

“नहीं मुझे नहीं आना नीचे, मैंने कहा न मुझे सुसाइड करनी है । मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी और प्लीज तुम अपनी बातों में मुझे फ़साओ नहीं मुझे सुसाइड करने दो “।

“क्या तुम्हें वाकई सुसाइड करना है?

“तुम पागल हो क्या ? इतनी देर से कह रही हूँ मुझे सुसाइड करनी है,मुझे सुसाइड करनी है और तुम हो की मजाक समझ रहे हो?

“ओ मिस ब्यूटी मैं ये इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि तुम सुसाइड नहीं कर सकती। अगर तुम्हें वाकई सुसाइड करना होता तो तुम कर चुकी होती । तुम ये इसलिए नहीं कर पा रही हो क्योंकि तुम्हें मौत से डर लग रहा है।

तुम्हें शादी के जोड़े में देखकर इतना तो मैं समझ गया की तुम अपने शादी से भागकर आई हो। या मैं ये भी कह सकता हूँ की तुम्हारा हीरो टाइम पर एंट्री नहीं मारा बल्कि उसे कोई और हेरोहीन मिल गई। और वह बेचारा ये भी भूल गया की उसे आज किसी से शादी भी करनी थी। और जब तुम उसका इंतजार करते करते थक हार गई तो गुस्से में सुसाइड करने इस ब्रीज पर चढ़ गई । लेकिन अफसोस मौत से डर लगने के कारण सुसाइड भी नहीं कर पाई।

” तुम्हें क्या लगता है मुझे मौत से डर लगता है? और इसलिए मैं सुसाइड नहीं कर पाऊँगी । ठीक है तो अब मैं तुम्हें यहाँ से कूद कर दिखाऊंगी “।

” अरे रुको, तुम्हें क्या लगता है की सुसाइड करने पर सब ठीक हो जायेगा । तुम्हें शांति मिल जायेगी? नहीं ऐसा नहीं है! मरने के बाद भी हर रोज घुट घुट कर मरोगी। तुम्हारे इस शरीर से आत्मा तो निकल जायेगी लेकिन उसे! उसे शांति नहीं मिल पायेगी हर रोज भटकेगी तुम्हारी रूह , जिंदगी जीने को तरसोगी लेकिन तभी पछताने से कुछ न मिलेगा । मुझे भी पहले यही लगता थी की सुसाइड करने पर ,अपना अस्तित्व मिटा देने पर सुकून मिल जायेगी। लेकिन नहीं हर रोज इस रात के अंधेरे में भटकता हूँ, जिंदगी जीने को तरसता हूँ। पर अफसोस वापस अब इस दुनिया में आ नहीं सकता।

इस धारावाहिक में अहम भूमिका निभाने वाली लड़की जिसका नाम अपूर्वा है। और इस धारावाहिक में मेन किरदार निभाने वाला लड़का जिसका नाम करन है। किंतु मैं इन दोनों के चरित्र चित्रण करने से पहले ये बता देना चाहती हूँ की अभी जो बातें हो रही थी वह रंझ और अपूर्वा के बीच हो रही थी । रंझ इस धारावाहिक में करन का साइड रोल निभाने वाला है।

अपूर्वा का चरित्र चित्रण –

गोरा रंग, भुरी आँखे , गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ, उसपर पतली और लंबी सी नाक जो उसके मुख मंडल की शोभा बढ़ा रही थी। शरीर से बिल्कुल ही पतली और लंबाई औसत थी।

२० वर्षों से उसके परिवार में किसी बेटी का जन्म नहीं हुआ था !जिसके कारण वह अपने परिवार में सबकी लाडली थी । उसके दो सगे भाई थे जो उसे जान से ज्यादा प्यार करते थे। किंतु अपूर्वा बचपन से ही शांत और सुशील थी । और जैसे जैसे वह बड़ी होती गई उसमें और भी सुशीलता आने लगी। पढाई में भी समान्य थी। हर समय मौन रहा करती थी। न जाने कौन से राज दफन थे उसके सीने में जो उसे मौन रहने को मजबूर करती थी।

क्रमशः

गौरी तिवारी
भागलपुर बिहार

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