Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2022 · 1 min read

तू तो नहीं

माना मैं खराब हूं
तू तो नहीं
हो गई है रात
फिर अभी तक
तू आया क्यों नहीं

माना मैं बेवफा हूं
तू तो नहीं
दिल में दर्द है मेरे
तुझे कोई फिक्र
फिर है क्यों नहीं

माना मैं झूठा हूं
तू तो नहीं
मिलने का वादा
किया तुमने
फिर निभाया क्यों नहीं

तेरी नजरों में
पागल हूं मैं
तू तो नहीं
मेरी छोटी सी
नादानी फिर
क्यों तू समझा नहीं

इश्क में था मैं
तू तो नहीं
फिर क्यों आता था
मिलने मुझसे
बताता क्यों नहीं

याद करता हूं मैं
तू तो नहीं
फिर सुबह शाम
ये मेरी हिचकियां
जाती क्यों नहीं

तेरे प्यार में हूं मैं
तू तो नहीं
तेरी ये आंखें
इस बात की तस्दीक
करती क्यों नहीं।

Language: Hindi
10 Likes · 3 Comments · 793 Views

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

You may also like:
प्यार -ए- इतिहास
प्यार -ए- इतिहास
Nishant prakhar
ख्वाहिशों का अम्बार
ख्वाहिशों का अम्बार
Satish Srijan
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
"अटपटा प्रावधान"
पंकज कुमार कर्ण
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Sakshi Tripathi
मैल
मैल
Gaurav Sharma
पिता की डायरी
पिता की डायरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये कुछ सवाल है
ये कुछ सवाल है
gurudeenverma198
उदास
उदास
Swami Ganganiya
***
*** " बसंती-क़हर और मेरे सांवरे सजन......! " ***
VEDANTA PATEL
# मंजिल के राही
# मंजिल के राही
Rahul yadav
थिरकते पाँव (बाल कविता)
थिरकते पाँव (बाल कविता)
Ravi Prakash
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
💐प्रेम कौतुक-243💐
💐प्रेम कौतुक-243💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Feel it and see that
Feel it and see that
Taj Mohammad
हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।।
हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
Buddha Prakash
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
An Analysis of All Discovery & Development
An Analysis of All Discovery & Development
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इश्क़ भी इंकलाबी हो
इश्क़ भी इंकलाबी हो
Shekhar Chandra Mitra
क्यूं कर हुई हमें मुहब्बत , हमें नहीं मालूम
क्यूं कर हुई हमें मुहब्बत , हमें नहीं मालूम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहे तरुण के।
दोहे तरुण के।
Pankaj sharma Tarun
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
Shivraj Anand
“मेरी ख्वाहिशें”
“मेरी ख्वाहिशें”
DrLakshman Jha Parimal
योगी है जरूरी
योगी है जरूरी
Tarang Shukla
■ आज की बातH
■ आज की बातH
*Author प्रणय प्रभात*
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे?
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर...
Manisha Manjari
✍️कभी कभी
✍️कभी कभी
'अशांत' शेखर
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
ruby kumari
Loading...