डॉ अरुण कुमार शास्त्री
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डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एहसास होते हैं एक पुरुष और स्त्री के
तब आपस में बात होती है ।
हमेशा कोई रिश्ता ही नहीं बनता के
किसी मतलब से मुलाकात होती है ।
गुफ्तगू कुछ पल की हो या के
कुछ दिन की या सालों की ।
किसी से मिलना इस जमाने में
बहुत बड़ी बात होती है ।
तुम नहीं चाहते अब
बात करना तो कोई शिकायत नहीं ।
मन भर गया होगा , होता है ,
इस में क्या मैं इस बात से आहत नहीं ।
याद आएगी तो आती रहे ,
अब यादों को तो रोक नहीं सकते ।
तुम मिलते थे तो अच्छा लगता था ।
अब तुमको टोंक नहीं सकते ।
एक अबोध बालक