Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2023 · 1 min read

डरे गड़ेंता ऐंड़ाने (बुंदेली गीत)

दाँद परी सो
चुरे घाम में
जड़कारें में जड़याने ।

सूँकौ-तींतौ
जैसें-तैसें कट गव
कक्का बसकारौ,
उन्ना-लत्ता
की छौंटई है कैसें
कट है जड़कारौ ।

पुचकी घेंटी,
सूकीं बालें,
पत्ता सबरे तुतलाने ।

कुहल,ओस कौ
कहल मचौ है
दुफरै दूबा जड़यानी,
सुर्रक-घुर्रक
फसी गरे में
खाँसी बनकें पुठयानी ।

फूल-फूल झर
गय हैं सबरे
पत्ता-पत्ता मुरझाने ।

कुआ रीत गव,
मोटर बर गई
और नाजलें ऐंड़ानी,
मूड़ मुड़ाई ओरे
पर गय,फूट
खपरिया खुनयानी ।

फन कुकरे औ’
जहर सूक गव
डरे गड़ेंता ऐंड़ाने ।

दाँद परी सो
चुरे घाम में
जड़कारे में जड़याने ।
०००
—– ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश ।
मो.- 8463884927

Language: Hindi
Tag: गीत
5 Likes · 14 Comments · 162 Views

Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी

You may also like:
नदिया रोये....
नदिया रोये....
Ashok deep
एक लड़का
एक लड़का
Shiva Awasthi
नायक
नायक
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शेर
शेर
Rajiv Vishal
नज़र
नज़र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
💐अज्ञात के प्रति-85💐
💐अज्ञात के प्रति-85💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नमन माँ गंग !पावन
नमन माँ गंग !पावन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सर्द चांदनी रात
सर्द चांदनी रात
Shriyansh Gupta
वो सपने सलोने, वो हंसी के फुहारे। वो गेसुओं का झटकना
वो सपने सलोने, वो हंसी के फुहारे। वो गेसुओं का...
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
धरना-प्रदर्शन की नियमावली (हास्य व्यंग्य)
धरना-प्रदर्शन की नियमावली (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
मोहब्बत के वादे
मोहब्बत के वादे
Umender kumar
ये लखनऊ है ज़नाब
ये लखनऊ है ज़नाब
Satish Srijan
Ajj bade din bad apse bat hui
Ajj bade din bad apse bat hui
Sakshi Tripathi
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
Surinder blackpen
मुकुट उतरेगा
मुकुट उतरेगा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
लोरी
लोरी
Shekhar Chandra Mitra
पाँव में छाले पड़े हैं....
पाँव में छाले पड़े हैं....
डॉ.सीमा अग्रवाल
रिश्ता रस्म
रिश्ता रस्म
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक दिन !
एक दिन !
Ranjana Verma
✍️कुछ रक़ीब थे...
✍️कुछ रक़ीब थे...
'अशांत' शेखर
वो आदनी सस्ता या हल्का
वो आदनी सस्ता या हल्का
*Author प्रणय प्रभात*
वह जो रुखसत हो गई
वह जो रुखसत हो गई
श्याम सिंह बिष्ट
अब तक मैं
अब तक मैं
gurudeenverma198
దీపావళి జ్యోతులు
దీపావళి జ్యోతులు
विजय कुमार 'विजय'
“ प्रिय ! तुम पास आओ ”
“ प्रिय ! तुम पास आओ ”
DrLakshman Jha Parimal
" बहुत बर्फ गिरी इस पेड़ पर
Saraswati Bajpai
कभी चाँद बन के आजा
कभी चाँद बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...