जिस्म से रूह को लेने,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/1dbfd29ba97ad1c6441157ba551f663f_34eb7b4de7e24bfe496ed4980776f944_600.jpg)
जिस्म से रूह को लेने,
सोचतीं हूं फ़रिश्ते ही क्यूं आते हैं
शायद किसी से जुदा होना
उससे ज्यादा मुश्किल होता होगा।
जिस्म से रूह को लेने,
सोचतीं हूं फ़रिश्ते ही क्यूं आते हैं
शायद किसी से जुदा होना
उससे ज्यादा मुश्किल होता होगा।