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19 Sep 2016 · 1 min read

चलाचली

यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए

सतचिन्मय दिव्य अनुदान मिले अमृतमय सब वरदान मिले
परिपूरित शुभ आशीषों से ज्योतिर्मय निशा-विहान मिले
कैसे मानूँ घनघोर तिमिर मे ज्योतिकलश वे रीत गए
यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए

इतना कोलाहल है जग मे मनवा कितना एकाकी है
अब चलाचली की वेला मे कहना सुनना क्या बाकी है
जो हम तुमसे न कह पाये वह कहकर मेरे गीत गए
यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए

Language: Hindi
Tag: गीत
380 Views
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