घर के किसी कोने में
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घर के किसी कोने में
रोते रहना
और कोई आपको देखने तक ना आए
दुःखद है
लेकिन
उससे ज्यादा पीड़ादायी है
रोने के लिए किसी कोने का न मिलना।
घर के किसी कोने में
रोते रहना
और कोई आपको देखने तक ना आए
दुःखद है
लेकिन
उससे ज्यादा पीड़ादायी है
रोने के लिए किसी कोने का न मिलना।