गोलियों की चल रही बौछार देखो।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0752d645ee0bae338bdf6550ad337348_b83bcf54d47410f067c0d60ac10612b8_600.jpg)
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
सरहदों पर टूटता घर बार देखो।।
होती हैं इन्सानियत की रोज बातें।
बढ़ रहा बंदूक का व्यापार देखो।।
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
सरहदों पर टूटता घर बार देखो।।
होती हैं इन्सानियत की रोज बातें।
बढ़ रहा बंदूक का व्यापार देखो।।