Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2023 · 1 min read

गीतिका

गीतिका-
आकुल अंतर चाह रहा है,कुछ अपनी कुंठाएँ लिखना।
रूठ गए जो अपने साथी ,उनके लिए दुआएँ लिखना।1

दुर्गम , तुंग श्रृंग पर बैठे, जो बनकर प्रहरी सीमा के,
उन सब वीर जवानों की ,लेता देश बलाएँ लिखना।2

पौष-माघ की सर्दी में जो ,रात गुजारें फुटपाथों पर,
उन अपनों के टूटे दिल की,थोड़ी-सी पीड़ाएँ लिखना।3

सरकारी निर्णय से कोई,अगर असहमति हो जाती है,
आज़ादी के राष्ट्र-विरोधी,नारे नहीं लगाएँ लिखना।।4

शक्ति-स्वरूपा जन्म-दायिनी, जो संपूज्या आराध्या हैं,
सृष्टि-चक्र करती संचालित,आओ उन्हें बढ़ाएँ लिखना।।5

सालों से जिन लालों का मग ,देख रहीं हैं बूढ़ी आँखें,
अपने माँ-बापू से मिलने,वे घर आएँ-जाएँ लिखना।6

आज वही हैं बेबस भूखे,जिनके कारण हम जीवित हैं,
उनकी करुण पुकार सुनो,वे अब घास न खाएँ लिखना।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय

39 Views
You may also like:
✍️पत्थर✍️
✍️पत्थर✍️
'अशांत' शेखर
شعر
شعر
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
✍️खामोश लबों को ✍️
✍️खामोश लबों को ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
अपने ही शहर में बेगाने हम
अपने ही शहर में बेगाने हम
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
"खिलौने"
Dr Meenu Poonia
// बेटी //
// बेटी //
Surya Barman
कितने सावन बीते हैं
कितने सावन बीते हैं
VINOD KUMAR CHAUHAN
ताबीर तुम्हारे हर ख़्वाब की।
ताबीर तुम्हारे हर ख़्वाब की।
Taj Mohammad
सूर्य कुमार यादव
सूर्य कुमार यादव
Shekhar Chandra Mitra
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
परिन्दे धुआं से डरते हैं
परिन्दे धुआं से डरते हैं
Shivkumar Bilagrami
दुकान में रहकर सीखा
दुकान में रहकर सीखा
Ankit Halke jha
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
कवि दीपक बवेजा
तेरी दहलीज़ तक
तेरी दहलीज़ तक
Surinder blackpen
!! समय का महत्व !!
!! समय का महत्व !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
सूर्यकांत द्विवेदी
“ आलोचना ,समालोचना और विश्लेषण”
“ आलोचना ,समालोचना और विश्लेषण”
DrLakshman Jha Parimal
■ जीवन दर्शन
■ जीवन दर्शन
*Author प्रणय प्रभात*
मीनाक्षी
मीनाक्षी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-445💐
💐प्रेम कौतुक-445💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नींद खो दी
नींद खो दी
Dr fauzia Naseem shad
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा गीत रहा है
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा...
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कहानी
कहानी "दीपावाली का फटाका" लेखक: राधाकिसन मूंदड़ा,सूरत, गुजरात।
radhakishan Mundhra
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
मां के आंचल में
मां के आंचल में
Satish Srijan
मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है ।
मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है ।
Arvind trivedi
Bhuneshwar Sinha Congress leader Chhattisgarh. bhuneshwar sinha politician chattisgarh
Bhuneshwar Sinha Congress leader Chhattisgarh. bhuneshwar sinha politician chattisgarh
Bramhastra sahityapedia
दुःखडा है सबका अपना अपना
दुःखडा है सबका अपना अपना
gurudeenverma198
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...