Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

रास्ते, आने-जाने में उम्र कट गई
मंज़िलों के फ़साने में उम्र कट गई,

कुछ फटे, कुछ पुराने में उम्र कट गई
चार कपड़े जुटाने में उम्र कट गई,

बात पानी की होती, तो खोदते कुआँ
प्यास दिल की बुझाने में उम्र कट गई,

भाव भरते रहे लफ्ज़ लफ्ज़ उम्रभर
शाइरी को बनाने में उम्र कट गई,

बारहा चोट खाता रहा यकीं मेरा
मतलबी इस ज़माने में उम्र कट गई,

फिर भी हो ना सका,हल सवाल हिज़्र का
ख़ुद को ख़ुद से मिलाने में उम्र कट गई,

एक पत्थर पे दिल आ गया था बेख़बर
उसको मूरत बनाने में उम्र कट गई!

Language: Hindi
1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
अंधा इश्क
अंधा इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माँ
माँ
नन्दलाल सुथार "राही"
💐प्रेम कौतुक-352💐
💐प्रेम कौतुक-352💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
// जिंदगी दो पल की //
// जिंदगी दो पल की //
Surya Barman
मेरी (उनतालीस) कविताएं
मेरी (उनतालीस) कविताएं
श्याम सिंह बिष्ट
अधीर मन
अधीर मन
manisha
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
Dr Manju Saini
कर रहे शुभकामना...
कर रहे शुभकामना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Dont judge by
Dont judge by
Vandana maurya
अपनी नज़र में खुद
अपनी नज़र में खुद
Dr fauzia Naseem shad
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
दर्द
दर्द
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
जियो तो ऐसे जियो
जियो तो ऐसे जियो
Shekhar Chandra Mitra
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
■ सामयिकी/ बहोत नाइंसाफ़ी है यह!!
■ सामयिकी/ बहोत नाइंसाफ़ी है यह!!
*Author प्रणय प्रभात*
चाहे मिल जाये अब्र तक।
चाहे मिल जाये अब्र तक।
Satish Srijan
इश्क की पहली शर्त
इश्क की पहली शर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*लिफाफा भोजन शादी( कुंडलिया)*
*लिफाफा भोजन शादी( कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गुरुवर
गुरुवर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"देख मेरा हरियाणा"
Dr Meenu Poonia
रात हुई गहरी
रात हुई गहरी
Kavita Chouhan
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
धरती करें पुकार
धरती करें पुकार
नूरफातिमा खातून नूरी
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
Loading...