क्यों कहते हो प्रवाह नहीं है
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क्यों कहते हो प्रवाह नहीं है
इस जीवन की थाह नहीं है
सूर, कबीर, मीरा तुलसी से
बढ़कर कोई गवाह नहीं है।।
सूर्यकांत
क्यों कहते हो प्रवाह नहीं है
इस जीवन की थाह नहीं है
सूर, कबीर, मीरा तुलसी से
बढ़कर कोई गवाह नहीं है।।
सूर्यकांत