Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2023 · 1 min read

कौन सोचता है

कौन सोचता है आजकल,किसपे क्या गुजरी।
रात महफ़िल में कटी ,यां कहीं तन्हा गुजरी।

कोई नहीं जो देखे,तेरे ज़ख्म जो है नुमाया।
कितनों ने डाला नमक,किसने मरहम लगाया।

वक्त की रफ्तार से , तेज़ रफ़्तार है ज़माने की।
कोई नहीं बावफा,क्या जरूरत आजमाने की।

किसके लिये तू रोये,कौन देखें नम आंखें तेरी
इश्क़ में जो थे डूबे,न पूछें वो खैरीयत तेरी।

तन्हाई ही सच है ,तन्हा ही हमें अब है रहना
मानों या न मानों,यही सच था मुझे कहना।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल
29 Views
You may also like:
ख्वाहिशों का टूटता हुआ मंजर....
ख्वाहिशों का टूटता हुआ मंजर....
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
दिल में आने की बात।
दिल में आने की बात।
Anil Mishra Prahari
شعر
شعر
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आजमाइशों में खुद को क्यों डालते हो।
आजमाइशों में खुद को क्यों डालते हो।
Taj Mohammad
भीड़
भीड़
Shyam Sundar Subramanian
अजब-गजब इन्सान...
अजब-गजब इन्सान...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दुनियां और जंग
दुनियां और जंग
सत्य कुमार प्रेमी
वो निरंतर चलता रहता है,
वो निरंतर चलता रहता है,
laxmivarma.lv
- दिल का दर्द किसे करे बयां -
- दिल का दर्द किसे करे बयां -
bharat gehlot
कलयुग : जंग -ए - जमाने
कलयुग : जंग -ए - जमाने
Nishant prakhar
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
■ नेक सलाह
■ नेक सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो...
जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो...
Dr MusafiR BaithA
आने वाला वर्ष भी दे हमें भरपूर उत्साह
आने वाला वर्ष भी दे हमें भरपूर उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
Dr Archana Gupta
✍️शहीदों को नमन
✍️शहीदों को नमन
'अशांत' शेखर
ञ माने कुछ नहीं
ञ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
नया उभार
नया उभार
Shekhar Chandra Mitra
प्रतिबिंब
प्रतिबिंब
Dr Rajiv
आँखें ( कुंडलिया )
आँखें ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
श्रेष्ठों को ना
श्रेष्ठों को ना
DrLakshman Jha Parimal
पिता की डायरी
पिता की डायरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Sakshi Tripathi
"रावण की पुकार"
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
अतिथि तुम कब जाओगे
अतिथि तुम कब जाओगे
Gouri tiwari
आईना
आईना
KAPOOR IQABAL
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
Charu Mitra
"मेरे पिता"
vikkychandel90 विक्की चंदेल (साहिब)
Loading...