कोरोना का आतंक
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कोरोना का आतंक
“क्या कहा, टैटू की वजह से अपहरणकर्ताओं ने तुम्हें छोड़ दिया ?” पुलिस इंस्पेक्टर ने आश्चर्य से पूछा।
“हाँ सर, जैसे ही मैंने उन्हें अपने हाथ पर बने टैटू को दिखाया, दोनों अपहरणकर्ता तुरंत भाग खड़े हुए।” नवयुवती ने आपबीती सुनाई।
“जरा हमें भी दिखाओ अपना टैटू।” इंस्पेक्टर ने आग्रह किया।
जैसे ही नवयुवती ने अपना टैटू दिखाया, इंस्पेक्टर सकपका कर अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
“सर डरिए मत, आज ये ‘होम क्वारेंटाइन’ के टैटू और दो-चार नकली खाँसी की बदौलत मैं उनसे सुरक्षित बच निकली।” युवती बोली।
इंस्पेक्टर ने राहत की साँस ली।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़