Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2016 · 1 min read

कुण्डलियाँ

मानवीय सद्गुणों से, हुए कभी परतंत्र
सदियों के संघर्ष से, मिला हमें जनतंत्र
मिला हमें जनतंत्र, मिला न मन्त्र स्वदेशी
संविधान ने किया, देश में ही परदेशी
अंग्रेजी की पूँछ, और खिचता आरक्षण
लोकतान्त्रिक देश, और बद हुआ कुशासन||१||

लोकत्रांत्रिक देश में, फूल खिले बदरंग
जन जन नेता हो गए, अंकुश बिना दबंग
अंकुश बिना दबंग, मचाएं मारा मारी
आम नागरिक त्रस्त, लूटते भ्रष्टाचारी
सहनशीलता ओढ़, चीखते सर्प सपेरे
अच्छे दिन में सेंध, लगावें वे ही चेहरे||२ ||

1 Comment · 523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all
You may also like:
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
gurudeenverma198
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
Dr MusafiR BaithA
जागरूक हो हर इंसान
जागरूक हो हर इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बोलती आँखे....
बोलती आँखे....
Santosh Soni
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
ruby kumari
गुजरते हुए उस गली से
गुजरते हुए उस गली से
Surinder blackpen
पायल
पायल
Dr. Sunita Singh
💐💐प्रेम की राह पर-63💐💐
💐💐प्रेम की राह पर-63💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
VINOD KUMAR CHAUHAN
हकमारी
हकमारी
Shekhar Chandra Mitra
हाथ में खंजर लिए
हाथ में खंजर लिए
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
पथिक आओ ना
पथिक आओ ना
Rakesh Rastogi
दीपावली २०२२ की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली २०२२ की हार्दिक शुभकामनाएं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
*Author प्रणय प्रभात*
दिल्ली चलें सब साथ
दिल्ली चलें सब साथ
नूरफातिमा खातून नूरी
कोरोना काल
कोरोना काल
कवि आशीष सिंह"अभ्यंत
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
मृगतृष्णा / (नवगीत)
मृगतृष्णा / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
Anil Mishra Prahari
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
"जब रास्ते पर पत्थरों के ढेर पड़े हो, तब सड़क नियमों का पालन
Dushyant Kumar
नयी शुरूआत
नयी शुरूआत
Dr fauzia Naseem shad
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
Buddha Prakash
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
Ravi Prakash
अनमोल राजू
अनमोल राजू
Anamika Singh
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
देश के हित मयकशी करना जरूरी है।
देश के हित मयकशी करना जरूरी है।
सत्य कुमार प्रेमी
"प्यार की नज़र से"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...