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13 Oct 2022 · 1 min read

कळस

जो काहीसा दडपला आहे,
आतल्या विस्कळीत भावनांच्या भोवऱ्यात बुडल्यासारखा उसासा, उगवणारा,
आंतरिक संघर्षाच्या चक्रात अडकलेले,
बाह्य सहजतेच्या वेषात
चर्चेत असलेला विषय,
प्रकट आणि अप्रकट संवाद दरम्यान
त्रिशंकू बनणे,
हळूहळू आत्म-साक्षात्काराने निराश होणे
नैराश्यात बदलणे.

Language: Marathi
Tag: कविता
89 Views

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