कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/375e07fde37e23e69a15e2e94fcfd9db_51a3efa1a47675dfd0eebee20e38cead_600.jpg)
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
आकस्मिक आक्रमण पर दुखी होना,
तो कभी नारी जाति की दुर्गति पर ,
उनपर हो रहे अत्याचारों पर शर्मसार होना.
बेचारे भारत देश की किस्मत में लिखा
है रह रह अपना दामन आंसुओं से भिगोना ।
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
आकस्मिक आक्रमण पर दुखी होना,
तो कभी नारी जाति की दुर्गति पर ,
उनपर हो रहे अत्याचारों पर शर्मसार होना.
बेचारे भारत देश की किस्मत में लिखा
है रह रह अपना दामन आंसुओं से भिगोना ।