Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2024 · 1 min read

कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह

कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते हैं ऐसा नहीं है की कोई वजह ही हो पर खाली मन अक्सर बेतुकी की बातें सोचने लगता है, फिर शुरू होता है जद्दोजहद का सिलसिला, जिसमें हम खुद के साथ साथ अपने अतीत, भविष्य तथा वर्तमान तीनों का मूल्यांकन करने लगते हैं,
खैर जिंदगी के इतने मौसम देखने के बाद यह बात तो समझ आ गई है की मायूसी किसी वक्त और किसी वजह की मोहताज नहीं होती है मायूसी को जब छाना होता है वह बेवजह ही छा जाती है लेकिन खुशियों के साथ ऐसा नहीं होता है खुशियां वजह और वक्त दोनों की मोहताज होती है।
खैर करने को बहुत सारी बातें हैं, लेकिन फिर कभी, आज तो बस मैं और यह तन्हाई वाली वीरान राते ही एक दूसरे के साथी हैं।

108 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अंगद के पैर की तरह
अंगद के पैर की तरह
Satish Srijan
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
बन्दिगी
बन्दिगी
Monika Verma
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
Rituraj shivem verma
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नमन तुमको है वीणापाणि
नमन तुमको है वीणापाणि
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*सहकारी युग (हिंदी साप्ताहिक), रामपुर, उत्तर प्रदेश का प्रथम
*सहकारी युग (हिंदी साप्ताहिक), रामपुर, उत्तर प्रदेश का प्रथम
Ravi Prakash
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
जिंदगी रूठ गयी
जिंदगी रूठ गयी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
*मन राह निहारे हारा*
*मन राह निहारे हारा*
Poonam Matia
मां
मां
Sûrëkhâ
कमाई / MUSAFIR BAITHA
कमाई / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सब तो उधार का
सब तो उधार का
Jitendra kumar
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
आशा की किरण
आशा की किरण
Neeraj Agarwal
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
Sanjay ' शून्य'
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
Bramhastra sahityapedia
वर्ल्ड रिकॉर्ड
वर्ल्ड रिकॉर्ड
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
Anand Kumar
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे दर पे आये है दूर से हम
तेरे दर पे आये है दूर से हम
shabina. Naaz
23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...