*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है….. यह आव

*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है….. यह आवाज़ को भी कर्कश कर देती है……. व्यावहार को निम्नस्तरीय बना देती है…….वातावरण बोझिल कर देती है……. संबंधों को नारकीय बना देती है और ज़िंदगी को जहन्नुम बना देती है……. अतः इस कड़वाहट से जितना हो सके परहेज करें ।।*
*सीमा वर्मा*
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