कई राज मेरे मन में कैद में है
कई राज मेरे मन में कैद में है
पिंजरे में नहीं हूँ पर कैद में है
फूलों का संघर्ष भले काटो से
मतलब लोगों को शहद में है !
कवि दीपक सरल
कई राज मेरे मन में कैद में है
पिंजरे में नहीं हूँ पर कैद में है
फूलों का संघर्ष भले काटो से
मतलब लोगों को शहद में है !
कवि दीपक सरल