एक अबोध बालक

एक अबोध बालक
मेरा और तुम्हारा कोई झगड़ा नहीं सच में मेरे दोस्त बस तुम अपनी काबलियत की रोटी खाते रहो और मेंअपनी बस इतनी सी गुज़ारिश है।
एक अबोध बालक
मेरा और तुम्हारा कोई झगड़ा नहीं सच में मेरे दोस्त बस तुम अपनी काबलियत की रोटी खाते रहो और मेंअपनी बस इतनी सी गुज़ारिश है।