उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
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उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
दुनिया की कोई बात मुमकिन नही होगी,
होगी न अगर सुबह इस क़ायनात में,
दुनिया की कोई रात मुमकिन नही होगी,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
दुनिया की कोई बात मुमकिन नही होगी,
होगी न अगर सुबह इस क़ायनात में,
दुनिया की कोई रात मुमकिन नही होगी,