मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
मेरी सुख़न-गोई बन गई है कलाम मेरा,
जी हां मजदूर हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
पर्यावरण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य