सुना है सपने सच होते हैं।
बचपन की यादों को यारो मत भुलना
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
अपने आप को ही सदा श्रेष्ठ व कर्मठ ना समझें , आपकी श्रेष्ठता
*चाय ,पकौड़ी और बरसात (हास्य व्यंग्य)*
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
💐अज्ञात के प्रति-93💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन में ही सहे जाते हैं ।
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,