Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2021 · 2 min read

” द्रिग्भ्रमित भेने आलोचना हैत ” ( फेसबुक ग्रुप )

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
=======================
एहि सम्पूर्ण परिवेश मे सबहक कार्य क्षेत्र स्वतः निर्धारित कयल गेल अछि आ बहुत गोटे एहनो छथि जे अप्पन -अप्पन कार्यक रुपरेखा स्वयं निर्धारित केने छथि ! माता -पिता ,शिक्षक- शिक्षिका ,छात्र- छात्रा , श्रमिक ,कर्मचारी ,पधाधिकारी ,लेखक, लेखिका ,चिकित्सक ,अभिव्याक्ता, कलाकार ,खिलाडी ,संबाददाता ,संचालक आ अनेको लोकनि अप्पन -अप्पन विभिन्य भूमिका क लेल विख्यात छथि आ स ह्रदय सं जुडल !

कार्यक संपादन मे यदि अकर्मण्यता परिलक्षित हैत त सम्मान क गप्प त रहल कात तिरष्कारक मर्म भेदी बाण क प्रहार सहैत रहू ! जखन इ माप दंड समस्त वर्ग पर लागु होइत अछि तखन कोनो ग्रुप क नेतृत्व किया छुटल रहता ? फेसबुक क उद्भव क उपरांत एडमिन आ मोडरेटर कतो-कतो प्रजातांत्रिक मर्यादा भूलि जाइत छथि !

साहित्यक श्रृजन ..कविता रचना …लेख लेखनी आ विचार क अभिव्यक्ति सकारात्मक श्रृंगार सं सजाऔल प्रायः -प्रायः पाठक वृन्द कें मन मोहि लेत अछि ! आपार जनसमूह करतल ध्वनि सं हिनका स्वागत करैत छथि ! …श्रेष्ठ लोकनि हुनक ढाढस बंधबैत छथि …समतुल्य लोकनि अप्पन सकारात्मक टिप्पणी सं एकटा नविन मार्ग प्रसस्थ करैत छथि….नवतुरिया लोकनि कें मध्य एकटाअद्भुत स्फूर्ति क सञ्चालन होइत अछि ! नविन प्रेरणा आ उत्साह क संचार होइत अछि !….

परंच राजनीति विचारधारा सदेव विवादित बुझना गेल अछि ! सब गोटे कोनो न कोनो विचारधारा सं जुडल छथि ! अप्पन व्यथा ..अप्पन अनुभव ,,,अप्पन प्रतिक्रिया लिखि एकटा आनंदक अनुभव करैत छथि !…मुदा तकर विवेचना क लेल अनेको रंगमंच बनल अछि !

साहित्यक चर्चा कें लेल सजाओल रंगमंच पर नटुआ नृत्यक प्रदर्शन अशोभनीय मानल जाइत !..ताहि लेल हम सब सजग रहि ! पारदर्शिता ,नियम ,प्रजातान्त्रिक परिवेश ,सामंजस्यपूर्ण निर्भरता ,सबहक विचारक मान्यता….. कोनो समूह ,…कोनो संगठन ..अथवा ग्रुपक लेल स्तंभ मानल जाइत अछि !

मुदा ग्रुप क उदेश्य प्रायः प्रायः मलिन भS जाइत अछि आ एडमिन आ मोद्रटर क कर्तव्य बुझु गौण भS गेल छनि ! जहिना भारतीय टीवी न्यूज़ चैनल अप्पन टी ० आर ० पी० क लेल कठिन परिश्रम करैत अछि तहिना फेसबुक क ग्रुप एहि प्रतियोगिता मे लागि जाइत छथि !

कियो -कियो श्रेष्ठ लोकनि कतार मे लागल छथि अप्पन -अप्पन रचना नेने ! प्रतीक्षा क रहल छथि हमर सन्देश ग्रुप क समक्ष राखल जाऊ परंच राखल अछि अप्रूवल वला कोठी मे ! ताधरि नटुआ नृत्य देखैत रहू ! जखन एडमिन आ मोद्रटर कोनो ग्रुप क नेतृत्व करैत छथि त हुनका नेपोलिअन क नेतृत्व हेबाक चाहि ! संगठन आ समूह मे जे छथि सबकें संग ल कें चलबाक चाहि नहि त तानाशाही भंगिमा बुझल जाइत !
हमरा सबकें ह्रदय सं जुडबाक लेल प्रयास करबाक चाहि अन्यथा हम अप्पन उदेश्य सन डगमगा जायब !
=================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत

Language: Maithili
Tag: लेख
314 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अलाव
अलाव
गुप्तरत्न
श्रावणी हाइकु
श्रावणी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
"ख़्वाहिशों की दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शेखर सिंह
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
पल भर कि मुलाकात
पल भर कि मुलाकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
Rj Anand Prajapati
#कटाक्ष
#कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2652.पूर्णिका
2652.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खुद के वजूद की
खुद के वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
नर नारी
नर नारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
धरा पर लोग ऐसे थे, नहीं विश्वास आता है (मुक्तक)
धरा पर लोग ऐसे थे, नहीं विश्वास आता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
Life
Life
C.K. Soni
फौजी जवान
फौजी जवान
Satish Srijan
Let yourself loose,
Let yourself loose,
Dhriti Mishra
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
Loading...