Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2017 · 3 min read

नवरात्रि पर्व

हमारे देश भारतवर्ष में अनेकों त्यौहार समय समय पर रंगीली छटा बिखेरते रहते हैं । हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में नवरात्रि पर्व भी अपना विशेष महत्व रखता है। बाक़ी सभी त्यौहार वर्ष में एक बार ही मनाये जाते हैं पर नवरात्रों का पर्व साल में दो बार आस्था, निष्ठा व श्रद्धा के साथ पूरे देश में मनाया जाता है …… जिसमें शक्ति की प्रदाता दुर्गा माता की विशेष रूप से आराधना की जाती है । सभी प्रांतों के लोग अपने रीति- रिवाज व आस्था से इस पर्व को मनाते हैं ।दुर्गा माता के अनेकों नाम प्रचलित हैं– कुषमांडा, ब्रह्मचारिणी . कात्यायनी, स्कंदमाता, चंद्रघंटा,कालरात्रि, महागौरी, ज्वाला, वैष्णवी, काली आदि… और भी अनेकों नाम ।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम से नवमी तक नवराते मनाये जाते हैं जिसमें प्रथम दिन घट स्थापना कर देवी की स्तुति के साथ आराधना प्रारंभ की जाती है ….. घर- घर पूजा- पाठ , मंगलाचार , उपवास , भजन आदि होते हैं । मंदिरों में दर्शनार्थयों की लंबी क़तारें लगी रहती हैं ।नवमी के दिन हवन कर कन्या पूजन करके देवी को भोग लगाकर कन्याओं को भोजन करा कर दक्षिणा दे माता की विदाई की जाती है। इसी दिन भगवान श्रीराम की जन्म तिथि भी धूमधाम से मनाई जाती है ।
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष हमें शारदीय नवराते बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं । इस समय प्रकृति की निराली छटा लोगों के मन में अपार उत्साह का संचार करती है…ऊपर से त्यौहारों का मौसम….. दिलों में नवस्फू्र्ति व उमंग भर देते हैं । इस समय देवी की उपासना व प्रतिष्ठा देश भर में जोश व उल्लास से की जाती है ।
कहा जाता है…… दैत्यों के उत्पात से स्वर्ग से निष्कासित व अपमानित होने पर देवताओं के कल्याण के लिये भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शिवजी केतेज पुंज से शक्तिदात्री दुर्गा जी का आविर्भाव हुआ…. जिन्होंने अनेक रूपों में एक साथ उपस्थित होकर समय समय पर महिषासुर, चंड- मुंड, शुंभ- निशुंभ आदि हज़ारों दैत्यों का अपनी अनुपम शक्ति से संहार कर देवताओं को पुन: स्वर्गलोक पर आसीन किया ।
तभी से देवी के शक्ति स्वरूप की आराधना की जाती है ।
श्रीराम जी ने भी शारदीय नवरातों में प्रथम दिन समुद्र तट पर देवी का आह्वान किया था एवं विजयादशमी के दिन रावण का संहार कर लंका पर विजय प्राप्त की थी ।तभी से प्रतिवर्ष दशहरे के दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है…. जिसका मूल आशय अधर्म पर धर्म की , अत्याचार पर सदाचार की जय है ।
बंगाल में ारदीय नवरात्रि पर्व विशिष्ट रूप से मनाया दाता है । मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर सुंदर पंडालों से सजावट की जाती है…..साथ ही मनोरम झाँकियाँ व विद्युत की निराली छटा बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं.। देवी के विभिन्न स्वरूप , मनमोहक प्रतिमायें मानो जीवंत हो उठती हैं ।
बंगाल के साथ साथ देश के अन्य भागों में भी दुर्गा पूजा मनायी जाती है ।गुजरात में नवरातों में नौ दिन तक देवी की पूजा – अर्चना के साथ गरबा व डांडिया का भी प्रचलन है जो अब पूरे देश में उल्लास व उमंग के साथ मनाया जाता है ।
दशमी के दिन देवी की वंदना कर विसर्जन कर दिया जाता है । इन मै दिनों तक सर्वत्र उत्साह परिलक्षित होता है ।
बड़े दु: ख की बात है कि हमारे देश में नारी की देवी के रूप में बजा की जाती है वहीं दूसरी ओर नारी पर अनेकों अत्याचार व प्रताड़नायें भी दी जाती हैं …… सचमुच दयनीय व विचारणीय स्थिति है । मै इस बार दुर्गा जी से प्रार्थना करती हूँ कि मानव को सद्बुद्धि व विवेक प्रदान करे जिससे नारी पुन: समाज में पूज्या समझी जाये ।।

** मंजु बंसल **
जोरहाट

( मौलिक व प्रकाशनार्थ )

Language: Hindi
Tag: लेख
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
Vishal babu (vishu)
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*अपने  शहर  का आज का अखबार देखना  (हिंदी गजल/गीतिका)*
*अपने शहर का आज का अखबार देखना (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar N aanjna
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तपते सूरज से यारी है,
तपते सूरज से यारी है,
Satish Srijan
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
* किसे बताएं *
* किसे बताएं *
surenderpal vaidya
मेघ
मेघ
Rakesh Rastogi
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
Tarun Singh Pawar
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
शेखर सिंह
बापू
बापू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
भूल गया कैसे तू हमको
भूल गया कैसे तू हमको
gurudeenverma198
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
कैसे कांटे हो तुम
कैसे कांटे हो तुम
Basant Bhagawan Roy
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
ओसमणी साहू 'ओश'
एक  चांद  खूबसूरत  है
एक चांद खूबसूरत है
shabina. Naaz
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
अजहर अली (An Explorer of Life)
Loading...