” अब तक ना आये ” !!
इंतज़ार अब और नहीं !
होगा कोई शोर नहीं !
पल-पल होगें चुप्पी साधे ,
चले किसी का ज़ोर नहीं !
रंग बिरंगी इस दुनिया में –
होगें रंगी साये !!
रंग सजे हैं गहरे गहरे !
खुशियों ने बैठाये पहरे !
हाथ सफलता के पैमाने ,
अँखियों में हैं भाव रूपहरे !
पुलकित हुई समय की धारा –
ऐसे मन भाये !!
बैचेनी का दौर नहीं है !
उम्मीदों का ठौर नहीं है !
रोम-रोम में सिहरन दौड़े ,
खुद पर खुद का ज़ोर नहीं है!
भूल गयी है राह प्रतीक्षा –
नभ में तुम छाये !!