Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2022 · 1 min read

Writing Challenge- भूख (Hunger)

आज का विषय है भूख

इस विषय पर किसी भी भाषा में एक नयी कविता, कहानी या संस्मरण लिखिए।

अपनी पोस्ट में Daily Writing Challenge टैग अवश्य जोड़ें।

Today’s topic is Hunger.

Write a new poem, story or memoir in any language on this topic.

Do add the tag Daily Writing Challenge to your post.

5 Likes · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कलिपुरुष
कलिपुरुष
Sanjay ' शून्य'
मुझको इंतजार है उसका
मुझको इंतजार है उसका
gurudeenverma198
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
..
..
*प्रणय*
तिरस्कार
तिरस्कार
rubichetanshukla 781
4159.💐 *पूर्णिका* 💐
4159.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
वो ख्वाबों ख्यालों में मिलने लगे हैं।
वो ख्वाबों ख्यालों में मिलने लगे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मन का सावन आँख से,
मन का सावन आँख से,
sushil sarna
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
DrLakshman Jha Parimal
लड़ाई
लड़ाई
Dr. Kishan tandon kranti
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
Manisha Manjari
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
काश हम भी दिल के अंदर झांक लेते,
काश हम भी दिल के अंदर झांक लेते,
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Some times....
Some times....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
पूर्वार्थ
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
फितरत दुनिया की...
फितरत दुनिया की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
Loading...