प्राकृतिक सुषमा से आच्छादित बाबा केदारनाथ की नगरी में आगर गाँव स्थित है, जहां 18 अगस्त 1997 को श्री जसपाल सिंह नेगी और श्रीमती छोटी देवी की द्वितीय संतान के रूप में पंकज बिंदास का जन्म हुआ, इनका बचपन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित और संपन्न करने बीता,जो इनकी रचनात्मक का द्योतक है।प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुई तत्पश्चात हाईस्कूल और इंटर की शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज घिमतोली से पूरी की। कवि हृदय इन्हें बचपन से मिला था,सो बचपन से ही कविताएं लिखने का सिलसिला शुरू हुआ, प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा मिला की प्रकृति-प्रेमी हो गए तथा साहित्य में गहरी रुचि पैदा हुई।
परिणामस्वरूप हेमती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में विभिन्न साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित हो रही हैं, जिनमें- अभ्युदय,आकाश कविघोष, प्रांजल,कलश, मनसंगी आदि प्रमुख हैं।
*साहित्यिक विधाएं*- कविता (छंदबद्ध और छंदमुक्त दोनों),गीत, ग़ज़ल, कहानी, संस्मरण, छंदबद्ध के अंतर्गत मुक्तक,दोहा घनाक्षरी, विधाता, हाइकु आदि।
*साझा संकलन* -माँ.. जिंदगी मेरी, सुलगते अल्फ़ाज़, आओ अब गांव लौट चलें, रामजी से राम-राम।
*साहित्य सम्मान*- हिंदी गौरव सम्मान, अभ्युदय लेखक सम्मान, प्रेम सुधा पहल सम्मान, शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान, उत्तम सृजन सम्मान, कविघोष रत्न सम्मान, श्रेष्ठ काव्य पथिक सम्मान, साहित्य गौरव सम्मान, देवभूमि उत्तराखंड साहित्य सम्मान, विश्व हिंदी दिवस सम्मान 2024, राजा राम सम्मान, राम लला सम्मान, नववर्ष कवि सम्मान 2024, उत्तराखंड साहित्य साधक सम्मान, राब्ता काव्य शिरोमणि सम्मान।
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