26 Followers 0 Following Follow Share Share Facebook Twitter WhatsApp Copy link to share Copy Link copied! Report Profile Wasiph Ansary Joined September 2017 614 words · 18758 views Books 0 Publish Book Wasiph Ansary has not yet published any book on Sahityapedia. Posts 6 View all Write Quote Write Post जब कभी हम उनसे हाले दिल सुनाने निकले। उनके होंठों पे सदा वक्त न होने के बहाने निकले।। Wasiph Ansary ज़िन्दगी यून्ही गुज़ार ली हमने। Wasiph Ansary पहले नैन मिलाके नैन -चार उसने किया। रात की नींद गई बेक़रार उसने किया।। Wasiph Ansary अब नफ़रत की धुंध छँटने लगी। जिन्दगी तुझमें फिर सिमटने लगी।। Wasiph Ansary आप आये हमें एक निधि मिल गई। Wasiph Ansary बिन बात की बातों-बातों में बातों से रुलाये जाते हैं। Wasiph Ansary More options Post Tags Summary Activity