2 Followers 3 Following Follow Share Share Facebook Twitter WhatsApp Copy link to share Copy Link copied! Report Profile अर्चना मुकेश मेहता Joined June 2024 321 words · 919 views Books 0 Publish Book अर्चना मुकेश मेहता has not yet published any book on Sahityapedia. Posts 12 View all Write Quote Write Post तारे बुझ गये फिर भी अर्चना मुकेश मेहता हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं। अर्चना मुकेश मेहता लक्ष्य गर समक्ष है तो अर्चना मुकेश मेहता फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा, अर्चना मुकेश मेहता उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ, अर्चना मुकेश मेहता आज दिल ये तराना नहीं गायेगा, अर्चना मुकेश मेहता तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था अर्चना मुकेश मेहता उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा अर्चना मुकेश मेहता तुझे खो कर तुझे खोजते रहना अर्चना मुकेश मेहता आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो, अर्चना मुकेश मेहता More options Post Tags Summary Activity